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माइग्रेन: कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक घरेलू उपचार |




माइग्रेन का परिचय:  

माइग्रेन एक प्रकार का तीव्र सिरदर्द है जो अक्सर एक तरफ़ होता है और इसे उल्कानिटि (migraine aura) भी कहा जाता है। यह एक अस्थायी स्थिति होती है जिसमें अक्सर तीव्र और दर्दनाक सिरदर्द, तेजी से फड़कने वाले दिखाई देने वाले रंग, ऊँची आवाज़ों की असहजता और उल्कानिटि आदि के लक्षण होते हैं।

माइग्रेन के लक्षणों के साथ, बहुत से लोगों को आंखों के पीछे के हिस्से में आंधेरा, उँगलियों या आंखों की मांसपेशियों का तनाव, और तेजी या तीव्रता के साथ गतिशीलता का अनुभव होता है ।

माइग्रेन के कारण:
  • बढ़ती उम्र: अधिकांश मामलों में, माइग्रेन उम्र बढ़ने के साथ शुरू होता है और सबसे अधिक 30 और 40 के बीच महसूस होता है। 
  • परिवारिक प्रवृत्ति: आपके परिवार में अगर किसी अन्य सदस्य को भी माइग्रेन है, तो आपके माइग्रेन का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में इसका प्रभाव ज्यादा दिखाई देता है।
  • हार्मोनल परिवर्तन: महिलाओं में लड़कियों और महिलाओं के पीरियड्स, गर्भावस्था, प्रेगनेंसी, प्रेमावस्था, और हार्मोन उपचार के साथ माइग्रेन का संबंध हो सकता है।
  • खाने पीने की वस्तुओं में परिवर्तन: अधिकांश मामलों में, बदलते भोजन या नियमित भोजन का अभाव माइग्रेन के लिए एक प्रबल कारण हो सकता है। 
  • तनाव और चिंता: जीवन के तनाव और मानसिक चिंता माइग्रेन को बढ़ा सकती है या उसे प्रकट कर सकती है।    
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       माइग्रेन के लक्षण: 

          माइग्रेन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
  • सिरदर्द की तीव्रता और अक्सर एक तरफ़ होना
  • उल्कानिटि (migraine aura) के लक्षण, जैसे दिखाई देने वाले रंग, आवाज़ों की असहजता, आदि
  • तेजी और गतिशीलता का अनुभव     
  • उँगलियों या आंखों की मांसपेशियों का तनाव
  • आंखों के पीछे का अंधकार या आंखों का बेवजह बंद हो जाना

          माइग्रेन के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार:

यहां कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार हैं जो माइग्रेन के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
  • त्रिफला: एक चम्मच त्रिफला पाउडर को रात को सोते समय गर्म पानी के साथ लेने से माइग्रेन में आराम मिल सकता है !

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  • तुलसी: तुलसी के पत्ते को पीसकर गर्म पानी के साथ लेने से माइग्रेन के दर्द में कमी हो सकती है।



  • शहद: एक चम्मच शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। 
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  • जीरा: एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा को उबालें और इसे ठंडा करके पीने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिल सकती है !
  • सरसों का तेल: माथे पर सरसों के तेल की मालिश करने से माइग्रेन का दर्द कम हो सकता है।

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  • गाय का शुद्ध देसी घी दोनो नाक में दो दो बूंद डालनेसे माईग्रेन से राहत मिलती है । 
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  • गरम गरम rice में दही डालकर सुबह खानेसे आधासीसी कम होता है ।।     
सूचना :- *ऊपर दिए हुवे  प्रयोग में से किसी एक  या दो प्रयोग एक साथ कर सकते है ।
* त्रिफला चूर्ण को गर्भिणी स्त्री और 5 साल के छोटे बच्चोंको प्रयोग न करे ।

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